दूर नगरी बड़ी दूर नगरी कैसे आऊं मैं कन्हैया तेरी गोकुल नगरी भजन Dur Nagri Badi Door Nagri Kaise Aau Re Kanhaiya Teri Gokul Nagri Bhajan

दूर नगरी बड़ी दूर नगरी कैसे आऊं मैं कन्हैया तेरी गोकुल नगरी भजन  Dur Nagri Badi Door Nagri Kaise Aau Re Kanhaiya Teri Gokul Nagri Bhajan

इस Post में आपको दूर नगरी बड़ी दूर नगरी कैसे आऊं मैं कन्हैया तेरी गोकुल नगरी भजन Dur Nagri Badi Door Nagri Kaise Aau Re Kanhaiya Teri Gokul Nagri Bhajan का हिंदी में Lyrics दिया जा रहा है और उम्मीद करता हूँ कि दूर नगरी बड़ी दूर नगरी कैसे आऊं मैं कन्हैया तेरी गोकुल नगरी भजन Dur Nagri Badi Door Nagri Kaise Aau Re Kanhaiya Teri Gokul Nagri Bhajan आपके लिए जरूर उपयोगी साबित होगा | BhajanRas Blog पे आपको सभी देवी देवताओ की आरतिया,चालीसा, व्रत कथा, नए पुराने भजन, प्रसिद्ध भजन और कथाये ,पूजन विधि, उनका महत्व, उनकी व्रत कथाये BhajanRas.com पे आप हिंदी में Lyrics पढ़ सकते हो।

दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हैया, तेरी गोकुल नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हाई, तेरी गोकुल नगरी
बड़ी दूर नगरी

कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी

रात में आऊं तो कान्हा, डर मोहे लागे
दिन में आऊं तो, देखे सारी नगरी
बड़ी दूर नगरी

कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हाई, तेरी गोकुल नगरी
बड़ी दूर नगरी

सखी संग आऊं कान्हा, शर्म मोहे लागे
अकेली आऊं तो भूल जाऊ डगरी
बड़ी दूर नगरी

कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हाई, तेरी गोकुल नगरी
बड़ी दूर नगरी

धीरे धीरे चालूँ कान्हा, कमर मोरी लचके
झटपट चालूँ तो छलकाए गगरी
बड़ी दूर नगरी

कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हाई, तेरी गोकुल नगरी
बड़ी दूर नगरी

कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हाई, तेरी गोकुल नगरी
बड़ी दूर नगरी

Kirti Saini

कीर्ति सैनी भजन रस में मिथक के विभाग को लीड कर रही हैं। पत्रकारिता की दुनिया में 6 साल का अनुभव रखने वाली कीर्ति ने आईआईएमसी से हिंदी पत्रकारिता में पीजी प्रवेश किया है। वे अपनी शुरुआती पढ़ाई में पूरी की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *