कन्हैया मित्तल भजन मुझे चढ़ गया श्याम का रंग रंग (Mujhe Chad Gaya Shyam Ke Rang)

मुझे चढ़ गया श्याम का रंग रंग,
खाटू वाले श्याम का,
मीरा के घनश्याम का,
मैं तो हो गया मस्त मलंग,
मुझें चढ़ गया श्याम का रंग रंग।।
इस रंग पे बजरंगी नाचे,
इस रंग पे नरसी थे नाचे,
इनकी भक्ति देख के,
इनकी भक्ति देख के,
दुनिया रह गई दंग,
मुझें चढ़ गया श्याम का रंग रंग।।
इस रंग पे मीरा थी नाची,
इस रंग पे शबरी थी नाची,
भक्ति करने का दुनिया को,
भक्ति करने का दुनिया को,
दे गए ये तो ढंग,
मुझें चढ़ गया श्याम का रंग रंग।।
दुनिया चार दिनों का मेला,
देख के या खाटू का मेला,
जप ले ‘कन्हैया’ मौज करेगा,
जप ले ‘कन्हैया’ मौज करेगा,
जब सांवरिया संग,
मुझें चढ़ गया श्याम का रंग रंग।।
मुझे चढ़ गया श्याम का रंग रंग,
खाटू वाले श्याम का,
मीरा के घनश्याम का,
मैं तो हो गया मस्त मलंग,
मुझें चढ़ गया श्याम का रंग रंग।।
I don’t think the title of your article matches the content lol. Just kidding, mainly because I had some doubts after reading the article.
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