सनातन हिन्दू धर्म क्या है (Sanatan Hindu Dharm Kya Hai)

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सनातन हिन्दू धर्म क्या है Sanatan Hindu Dharm Kya Hai
आजकल हम सब जगह एक नाम सुन रहे हैं सनातन धर्म तो हम सोचते हैं कि ये सनातन हिन्दू धर्म क्या है? हम आज इस आर्टिकल में सनातन धर्म के बारे में विस्तार से जानेगे,
हिन्दू धर्म या सनातन हिन्दू धर्म भारत की सबसे पुरानी धर्म व्यवस्था है। इस धर्म को वैदिक धर्म भी कहा जाता है। इसका इतिहास 6000 साल पुराना है और यह भारतीय सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हिन्दू धर्म के अनुयायी हिन्दू कहलाते हैं।
सनातन हिन्दू धर्म को वैदिक धर्म के रूप में भी जाना जाता है। इस धर्म का अर्थ होता है “अनंत धर्म” या “अविनाशी धर्म”। सनातन धर्म में अनेक देवताओं की पूजा की जाती है जैसे कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश, दुर्गा, हनुमान आदि। इस धर्म में जीवन के उद्देश्य को जानने के लिए ध्यान और तपस्या की जाती है।
हिन्दू धर्म के अनुयायी इसे एक धर्म नहीं मानते हैं बल्कि इसे एक संस्कृति या जीवन शैली मानते हैं। इसमें अनेक रीति-रिवाज, परंपराएं, त्योहार, और संस्कृति से जुड़े अनेक आचार होते हैं।
सनातन हिन्दू धर्म की परिभाषा : इतिहास, विश्वास और आध्यात्मिकता
सनातन हिन्दू धर्म एक विश्वास पद्धति है जिसमें भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न एवं विकसित हुई धर्मों का समन्वय होता है। इसमें मूलतः वेदों का महत्वपूर्ण स्थान है जिन्हें सनातन धर्म के प्रमुख धर्मग्रंथ माना जाता है। इस धर्म में एक अद्वैतवादी दृष्टिकोण होता है जिसमें सबको एक ही देवता में विश्वास होता है।
इस धर्म में धर्म और जीवन का अटूट संबंध होता है। यह धर्म संसार के सभी धर्मों में सबसे पुराना और सबसे व्यापक है। सनातन हिन्दू धर्म का उद्देश्य जीवन के सभी क्षेत्रों में धार्मिकता के अभिव्यक्ति को सुगम बनाना होता है।
इस धर्म के अनुयायी मानते हैं कि इस धर्म का अस्तित्व बहुत पुराने समय से है। वे इसे संसार का सबसे पुराना धर्म मानते हैं। सनातन हिन्दू धर्म के अनुयायी धर्म और जीवन का अटूट संबंध स्वीकार करते हैं। इस धर्म में जीवन के हर क्षेत्र में धर्मिकता का अभिव्यक्ति होता है।
हिंदू धर्म की स्थापना किसने की
हिंदू धर्म की स्थापना के सम्बंध में कई धारणाएँ होती हैं। दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक होने के कारण, हिंदू धर्म की वास्तविक उत्पत्ति और संस्थापक का पता लगाना कठिन है। हम इस बात से परिचित हैं कि, इस धर्म के मूल का पता लगाने के लिए, वैदिक कालीन धारणाओं की आवश्यकता होती है जो कि धार्मिक ग्रंथों, जैसे कि वेदों, में वर्णित है।
हिंदू धर्म के संस्थापक कोई व्यक्ति नहीं हो सकता है, क्योंकि इसे शाश्वत माना जाता है। इसके बजाय, धर्म के मूलभूत तत्वों को समय के साथ विभिन्न ऋषियों और संतों द्वारा प्रकाशित किया गया है। हिंदू धर्म के विज्ञान और कला विषयों के विस्तार के साथ, वेदों, पुराणों, उपनिषदों, महाभारत और रामायण जैसी महाग्रंथों में बताया गया है।
इस धर्म में ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) के रूप में त्रिमूर्ति का विचार दिया गया है। यह महत्वपूर्ण है कि हम इस धर्म की स्थापना को न किसी एक व्यक्ति, न किसी एक कालावधि में निर्धारित करें। हिंदू धर्म की स्थापना एक धीरे-धीरे हो रही प्रक्रिया है जिसका आधार अनेक व्यक्तियों और कालावधियों की घटनाओं और विचारों पर होता है।
वैदिक काल
हिंदू धर्म का वैदिक काल ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद की रचना के समय मैने जाता है। वैदिक काल में ऋषियों और साधुओं ने वे मंत्रों का अभिप्राय और ज्ञान का स्रोत बनाया, जो हमें ईश्वर के साथ लगाव और आत्मिक उत्थान के लिए सहायता करत
हिंदू धर्म की महत्वपूर्ण शाखाएँ
हम आपको हिंदू धर्म की तीन मुख्य शाखाओं के बारे में बता रहे हैं। ये शाखाएँ हैं: वैष्णविस्म, शैविस्म, और शाक्तिस्म। हैं
सनातन हिन्दू धर्म के मूल तत्व
ब्रह्म
सनातन हिन्दू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण मूल तत्व ब्रह्म है। यह एक अद्वितीय, अविकारी, अविनाशी, निर्गुण और निराकार परमात्मा है। यह सर्वव्यापी है और सभी जीवों का उत्पत्ति कारण है।
अत्यंत महत्त्वपूर्ण धर्म शास्त्र
सनातन हिन्दू धर्म के अनुयायी वेदों को अत्यंत महत्त्वपूर्ण धर्म शास्त्र मानते हैं। वेद एक अनंत ज्ञान का भंडार है जो असीम है और सभी ज्ञानों का संग्रह है। वेदों में सत्य, अहिंसा, धर्म, न्याय और दया के सिद्धांतों का प्रतिपादन किया गया है।
कर्म और धर्म का संबंध
सनातन हिन्दू धर्म में कर्म और धर्म का गहरा संबंध है। कर्म धर्म का पालन करने का एक माध्यम है। धर्म उस विशेष व्यक्ति के लिए निर्दिष्ट किया जाता है जो कर्मों का पालन करता है। धर्म के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन को संतुलित बनाकर ब्रह्म की ओर आगे बढ़ सकता है।
सनातन हिन्दू धर्म के मूल तत्वों में सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा, दान, जप, तप, यम और नियम शामिल हैं। इन सब का सारस्वत महत्व है।
सनातन हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण पौराणिक कथाएं
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रामायण कथा
रामायण कथा सनातन हिन्दू धर्म की सबसे प्रसिद्ध कथाओं में से एक है। इस कथा के अनुसार, भगवान राम अवतार लेकर धरती पर आए थे और दुष्ट राक्षस रावण को मारकर सत्य के प्रतीक बने। इस कथा में सत्य, धर्म, नीति और विश्वास के महत्वपूर्ण संदेश हैं।
महाभारत कथा
महाभारत कथा भी सनातन हिन्दू धर्म की प्रसिद्ध कथाओं में से एक है। इस कथा में पांडवों और कौरवों के बीच हुए युद्ध के बारे में बताया गया है। इस कथा में समझौता, धर्म, नीति और सच्चाई के महत्वपूर्ण संदेश हैं।
भगवत पुराण कथा
भगवत पुराण कथा भगवान विष्णु के अवतारों के बारे में बताती है। इस कथा में भगवान विष्णु के अवतारों के संदेश और उनके जीवन के बारे में बताया गया है। इस कथा में भक्ति, श्रद्धा और धर्म के महत्वपूर्ण संदेश हैं।
सनातन हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्यौहार और उत्सव
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दीवाली
दीवाली हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। यह त्योहार पूरे भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को लोग खुशी से मनाते हैं। दीवाली के दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और उन्हें दीयों से रौशन करते हैं। इस दिन लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर खुशी मनाते हैं।
दीवाली के दिन लोग मिठाई खाते हैं और एक दूसरे को उपहार देते हैं। इस त्योहार का महत्व अत्यधिक होता है।
होली
होली भारत में मनाया जाने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार वसंत ऋतु में मनाया जाता है। होली के दिन लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं और एक दूसरे के साथ खुशी मनाते हैं।
होली के दिन लोग एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं और मिठाई खाते हैं। इस त्योहार का महत्व अत्यधिक होता है।
हिंदू धर्म का उत्थान
हम कह सकते हैं कि हिंदू धर्म की स्थापना किसी व्यक्ति या पैगम्बर ने नहीं की है। इसका स्रोत स्वयं ईश्वर (ब्रह्मा) है। इसलिए, इसे एक सनातन धर्म (सनातन धर्म) माना जाता है। इसके पहले शिक्षक ब्रह्मा, विष्णु और शिव थे। सृष्टि के आरंभ में सृष्टिकर्ता ईश्वर ब्रह्मा ने वेदों के गुप्त ज्ञान को देवताओं, मनुष्यों और राक्षसों को प्रकट किया।
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