ये धाम बागेश्वर एक तीरथ (ye dhaam bageshwar ek tirath)

ये धाम बागेश्वर, एक तीरथ
चमत्कार दिखला रहे, चला रहे दरबार,
बने हैँ बजरंगी यहाँ, बागेश्वर सरकार।
ये धाम बागेश्वर, एक तीरथ, धीरेंद्र गुरुवर जहां पुजारी,
सरकार बालाजी वीर हनुमत, करें चमत्कार रोज भारी….
दया रात दिन, जहां बरसती है धाम में, ऐसी देव हस्ती
वो हाल सारा हमें बताएं, सवाल क्या है वो जान जाय,
बिना ही पूछे लिखें वो पर्ची, बता रहे हैं दशा हमारी,
सरकार बालाजी वीर हनुमत, करें चमत्कार रोज भारी….
है धाम ये, जग में कुछ निराला, चलाएं जिसको बजरंगी बाला,
गढा यहां, गांव में जो आते, फिर इसकी महिमा भी दिल से गाते,
हुए करिश्मे यहां निरंजन, धीरेंद्र पाए हैं, सिद्धि प्यारी,
सरकार बालाजी वीर हनुमत, करें चमत्कार रोज भारी….
बाबा की ये समाधि, हरे जो बाधा हरे जो व्याधि,
यहां भजन कीर्तन भी होते, हनुमान जी तो मगन है होते,
धीरेंद्र जी के, हैं आप दादा, संयासी बाबा जय हो तुम्हारी,
सरकार बालाजी वीर हनुमत, करें चमत्कार रोज भारी.
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