Chaitra Navratri Day 2: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, पढ़ें कथा, आरती और करें मंत्रों का जाप।

Chaitra Navratri Day 2: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, पढ़ें कथा, आरती और करें मंत्रों का जाप।

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Chaitra Navratri Day 2: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, पढ़ें कथा, आरती और करें मंत्रों का जाप!

Chaitra Navratri Day 2: चैत्र माह में आने वाले नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहा जाता है और हिंदू धर्म में इनका विशेष महत्व है। इस दौरान 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों का पूजन किया जाता है। आज नवरात्रि का दूसरा दिन है जो कि मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी का विधि-विधान से पूजन करें और पूजा के बाद कथा व आरती पढ़ना न भूलें। कहते हैं इससे मातारानी प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

मां ब्रह्मचारिणी कथा

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, ब्रह्मचारिणी माता ने पुत्री बनकर पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लिया. माता भगवान शंकर को पति के रूप में पाना चाहती थीं। अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए नारद जी की सलाह पर माता ने कठोर तप किया। तपस्या के कारण ही इनका नाम ब्रह्मचारिणी रखा गया। 1000 सालों तक इन्होंने फल और फूल खाकर अपना समय व्यतीत किया। साथ ही 100 वर्ष तक जमीन पर रहकर तपस्या की कहते हैं कि कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रहकर तपस्या करने से देवता प्रसन्न हुए और मनोकामना पूर्ति का वरदान मिला।

मां ब्रह्मचारिणी मंत्र

दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु|

देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||

वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥

गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥

परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

ब्रह्मचारिणी की आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।

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