Chaitra Navratri Day 6: माता कात्यायनी की पूजा, पढ़ें कथा, आरती और करें मंत्रों का जाप।

Chaitra Navratri Day 6: माता कात्यायनी की पूजा, पढ़ें कथा, आरती और करें मंत्रों का जाप।

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Chaitra Navratri Day 6: माता कात्यायनी की पूजा, पढ़ें कथा, आरती और करें मंत्रों का जाप।

Chaitra Navratri Day 6: वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन माता कात्यायनी की उपासना विधि-विधान से की जाती है। आइए जानते हैं मंत्र और माता का स्वरूप।

Mata Katyayani Puja: चैत्र नवरात्रि में मां भगवती की 9 दिव्य स्वरूपों की उपासना की जाती है। नवरात्रि के छठे दिन माता दुर्गा के छठे दिव्य स्वरूप देवी कात्यायनी की उपासना का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी कात्यायनी की उपासना करने से सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज चैत्र नवरात्रि पर्व का छठा दिन है। ऐसे में आज के दिन माता कात्यायनी की उपासना करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

कैसा है माता कात्यायनी का स्वरूप?

देवी दुर्गा के दिव्य रूप माता कात्यायनी का स्वरूप बहुत ही भव्य है और उनके मुख से स्वर्ण आभा मंडित होती है। माता की चार भुजाएं हैं, जिनके दाहिने भुजा के एक हाथ में अभय मुद्रा और दूसरे में वर मुद्रा है। वहीं बाईं भुजा के एक हाथ में तलवार और दूसरे में कमल विराजमान है। माता कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए “चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥” इस मंत्र का जाप करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

माता कात्यायनी की आरती

जय जय अम्बे, जय कात्यायनी।
जय जगमाता, जग की महारानी॥
बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा॥

कई नाम हैं, कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है॥
हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी॥

हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते॥
कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की॥

झूठे मोह से छुड़ाने वाली।
अपना नाम जपाने वाली॥
बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो॥

हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी॥
जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे॥


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