कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं (Kabhi Pyase Ko Pani Pilaya Nahi)

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं (Kabhi Pyase Ko Pani Pilaya Nahi)

इस Post में आपको कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं (Kabhi Pyase Ko Pani Pilaya Nahi) का हिंदी में Lyrics दिया जा रहा है और उम्मीद करता हूँ कि कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं (Kabhi Pyase Ko Pani Pilaya Nahi) आपके लिए जरूर उपयोगी साबित होगा | BhajanRas Blog पे आपको सभी देवी देवताओ की आरतिया,चालीसा, व्रत कथा, नए पुराने भजन, प्रसिद्ध भजन और कथाये ,पूजन विधि, उनका महत्व, उनकी व्रत कथाये BhajanRas.com पे आप हिंदी में Lyrics पढ़ सकते हो।

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फ़ायदा |
कभी गिरते हुए को उठाया नहीं,
बाद आंसू बहाने से क्या फ़ायदा ||

मैं तो मंदिर गया, पूजा आरति की,
पुजा करते हुए ये ख़याल आ गया |
कभी माँ बाप की सेवा की ही नहीं,
सिर्फ पूजा के करने से क्या फ़ायदा ||

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फ़ायदा ||

मैं तो सतसंग गया, गुरु वानी सुनी,
गुरु वानी को सुन के ख्याल आ गया |
जनम मानव का ले के दया ना करी,
फिर मानव कहलाने से क्या फ़ायदा ||

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फ़ायदा ||

मैंने दान किया मैंने जप तप किया
दान करते हुए यह खयाल आ गया |
कभी भूखे को भोजन खिलाया नहीं
दान लाखों का करने से क्या फ़ायदा ||

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फ़ायदा ||

गंगा नहाने हरीद्वार काशी गया,
गंगा नहाते ही मन में खयाल आ गया ||
तन को धोया मगर मन को धोया नहीं
फिर गंगा नहाने से क्या फ़ायदा ||

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फ़ायदा ||

मैंने वेद पढ़े मैंने शास्त्र पढ़े,
शास्त्र पढते हुए यह ख्याल आ गया |
मैंने ज्ञान किसी को बांटा नहीं,
फिर ग्यानी कहलाने से क्या फ़ायदा ||

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फ़ायदा ||

माँ – पिता के ही चरणों में ही चारो धाम है,
आजा आजा यही मुक्ति का धाम है |
पिता माता की सेवा की ही नहीं
फिर तीर्थों में जाने का क्या फ़ायदा ||

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फ़ायदा ||

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *